Russian Plane Crash 2025 का सबसे दर्दनाक हादसा: रूस के अमूर क्षेत्र में विमान क्रैश, सभी 48 यात्रियों की मौत – जानिए पूरी घटना की कहानी
रूसी विमान हादसा 2025: अमूर क्षेत्र में एंटोनोव An-24 विमान दुर्घटना में सभी 48 लोगों की मौत – पूरी जानकारी
Russian plane crash 24 जुलाई 2025 को रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र अमूर (Amur) में एक एंटोनोव An-24 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर ने पूरी दुनिया को हिला दिया। अंगारा एयरलाइंस द्वारा संचालित यह विमान, ब्लागोवेशचेंस्क से टिंडा (Tynda) की उड़ान पर था। लैंडिंग से पहले अचानक संपर्क टूट जाने के बाद विमान एक पहाड़ी इलाके में क्रैश हो गया, जिसमें सवार 43 यात्री और 5 चालक दल सदस्य, यानी कुल 48 लोग, सभी की मृत्यु हो गई।बोहत ही ख़राब परस्तीति हुई है,49 मृतयु हो गए है,इस प्लेन में बोहत हीयह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि रूस की पुरानी विमान व्यवस्था और कठिन भौगोलिक स्थितियों की चुनौती को भी उजागर करती है।
क्या हुआ हादसे के दिन?
विमान ने दोपहर 12:45 बजे ब्लागोवेशचेंस्क हवाई अड्डे से उड़ान भरी। मौसम खराब था, दृश्यता कम थी और आसमान में हल्के तूफानी बादल छाए थे। विमान का संपर्क स्थानीय एटीसी (Air Traffic Control) से 1:05 बजे टूटा। इसके बाद कोई रेडियो सिग्नल प्राप्त नहीं हुआ।रूस के अमूर क्षेत्र में हुए विमान हादसे के बाद बचाव अभियान में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। दुर्घटना स्थल एक अत्यंत पहाड़ी और घना जंगल क्षेत्र था, जहाँ तक न तो सड़क मार्ग था और न ही हेलिकॉप्टर आसानी से लैंड कर सकते थे। घने पेड़ों और ऊबड़-खाबड़ इलाके ने राहत दल के कार्य को और अधिक कठिन बना दिया।
करीब 2 घंटे की खोजबीन के बाद, बचाव टीम को टिंडा एयरपोर्ट से लगभग 16 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच विमान का मलबा जलता हुआ मिला। बचाव दल ने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पुष्टि की कि कोई जीवित नहीं बचा है।
दुर्घटना स्थल की स्थिति
क्रैश साइट एक अत्यंत दुर्गम, घने जंगल वाला इलाका था जहाँ तक न तो सीधा सड़क मार्ग था और न ही हेलिकॉप्टर लैंड कर सकते थे।
बचाव कर्मियों को पैदल चलकर मलबे तक पहुंचना पड़ा। घटनास्थल पर विमान पूरी तरह से टूट चुका था और उसमें आग भी लगी हुई थी।
यात्रियों और चालक दल की पहचान
दुर्घटनाग्रस्त विमान में सवार यात्रियों में पांच बच्चे, बुज़ुर्ग और मेडिकल पेशेवर शामिल थे। चालक दल में को-पायलट किरिल प्लाक्सिन (37) भी शामिल थे, जिन्हें उसी दिन ड्रग्स टेस्ट से इनकार के कारण कोर्ट में पेश होना था। पायलट और क्रू के अलावा विमान में एक वरिष्ठ डॉक्टर, दो शिक्षिकाएं और एक सरकारी कर्मचारी भी मौजूद थे।
विमान की तकनीकी स्थिति
एंटोनोव An-24 एक द्वी-इंजन वाला पुराना टर्बोप्रॉप विमान है, जिसे पहली बार 1970 के दशक में बनाया गया था।
यह विमान लगभग 50 साल पुराना था और विशेषज्ञों के अनुसार, इसकी तकनीकी स्थिति “questionable” थी।
रूस में पुराने सोवियत विमानों का इस्तेमाल आज भी हो रहा है क्योंकि पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते स्पेयर पार्ट्स और नए विमानों की आपूर्ति सीमित हो गई है।
संभावित कारण क्या रहे?
घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में जो बातें सामने आई हैं, वे इस प्रकार हैं:
- मानव त्रुटि (Human Error): मौसम खराब था और पायलट ने दूसरी बार लैंडिंग की कोशिश की थी। संभव है कि विजिबिलिटी की वजह से गलत निर्णय लिया गया हो।
- तकनीकी खराबी: विमान की उम्र और रखरखाव की स्थिति पर सवाल खड़े हुए हैं।
- नेविगेशन फेलियर: ATC से संपर्क टूटना और विमान का सही लोकेशन न मिलना भी एक बड़ा कारण हो सकता है।
- हालांकि, विमान का ब्लैक बॉक्स और CVR (Cockpit Voice Recorder) बरामद कर लिया गया है और जांच जारी है।
बचाव कार्य और सरकारी प्रतिक्रिया
रूसी आपातकालीन मंत्रालय ने 149 विशेष अधिकारियों और 20 से अधिक उपकरणों की टीम घटनास्थल पर भेजी।
स्थानीय गवर्नर वसीली ओर्लोव ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया और जांच के आदेश दिए। साथ ही विमानन मंत्रालय को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि पुराने विमानों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की जाए।
जनता और मीडिया की प्रतिक्रिया
इस हादसे ने रूस ही नहीं, पूरी दुनिया में विमान सुरक्षा पर बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल कर रहे हैं कि:
- क्या 50 साल पुराने विमान आज भी उड़ने लायक हैं?
- क्या रूस को अपने घरेलू एविएशन बेड़े का आधुनिकीकरण नहीं करना चाहिए?
- क्या कमजोर मौसम प्रणाली और तकनीक के चलते ऐसी घटनाएँ बार-बार दोहराई जाएंगी?
- रूस की एविएशन इंडस्ट्री पर असर
रूस में इस समय लगभग 40% विमान पुराने Soviet-era मॉडल पर आधारित हैं।
2022 के बाद से यूरोप और अमेरिका की कंपनियों से तकनीकी और पुर्ज़ों की सप्लाई पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिससे मेंटेनेंस चुनौतीपूर्ण बन गया है।
इस हादसे के बाद उम्मीद है कि सरकार घरेलू विमान निर्माण पर ज़ोर देगी और पुराने विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की योजना बनाएगी।
निष्कर्ष
टिंडा विमान हादसा न केवल एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि एविएशन सेक्टर में समय रहते बदलाव और सुधार न किए जाएँ तो परिणाम बेहद भयानक हो सकते हैं।
इस हादसे से यह सीख मिलती है कि:
- मौसम की अनदेखी खतरनाक हो सकती है।
- पुरानी तकनीक और विमान का प्रयोग अब असुरक्षित है।
- एविएशन नीति में व्यापक सुधार की जरूरत है।
रूस सरकार, एविएशन इंडस्ट्री और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस घटना को एक wake-up call के रूप में लेना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियाँ टाली जा सकें।