परिचय:
मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के भी शीर्ष उद्योगपतियों में गिने जाते हैं। साल दर साल उनकी संपत्ति और कमाई में लगातार वृद्धि हो रही है। उनका नाम हमेशा फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग जैसी वैश्विक संपत्ति सूचियों में सबसे ऊंचे स्थानों पर रहता है। यह लेख आपको बताएगा कि मुकेश अंबानी हर साल कितना कमाते हैं, उनकी कमाई के स्रोत क्या हैं और वे अपनी कमाई का उपयोग कैसे करते हैं।
भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की कंपनी, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (Reliance Industries Ltd – RIL) ने 19 जुलाई 2025 को अपने वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) की पहली तिमाही (Q1) के नतीजे घोषित किए। ये नतीजे हर उस निवेशक, विश्लेषक और आम नागरिक के लिए खास रहे, जो भारत की आर्थिक प्रगति और कॉर्पोरेट लीडरशिप की दिशा को समझना चाहते हैं। रिलायंस के ये आंकड़े न सिर्फ इसकी ताकतवर रणनीति को दिखाते हैं, बल्कि इसके भविष्य के विज़न का भी संकेत देते हैं।
घोषणा की तारीख और महत्व:
रिलायंस ने Q1 FY26 के नतीजे शनिवार, 19 जुलाई 2025 को पेश किए। इस तिथि को बाजार में खासा ध्यान मिला क्योंकि जून तिमाही के ये आंकड़े साल की पहली बड़ी तस्वीर पेश करते हैं।
नतीजों से पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि रिलायंस मजबूत प्रदर्शन करेगी, खासकर Jio Platforms और रिटेल कारोबार में। और हुआ भी ऐसा ही—नतीजे आए और रिलायंस ने एक बार फिर से अपने कारोबारी प्रभुत्व का लोहा मनवाया।
मुख्य वित्तीय बिंदु (Q1 FY26):
कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट (Consolidated Net Profit):₹26,994 करोड़ (साल-दर-साल 78% की वृद्धि)यह बढ़त आंशिक रूप से एशियन पेंट्स में हिस्सेदारी बेचने से हुए ₹8,900 करोड़ के एकमुश्त लाभ के कारण रही। परंतु इसके बिना भी लाभ में 20% का इज़ाफा हुआ।ऑपरेशनल रेवेन्यू (Revenue from Operations):₹2,48,660 करोड़ (5.3% सालाना वृद्धि)
ग्रॉस रेवेन्यू (Gross Revenue):₹2,73,252 करोड़ (~$31.9 बिलियन) – 6% की सालाना वृद्धिEBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization):₹58,024 करोड़ – साल-दर-साल 36% की बड़ी छलांग सेगमेंट के प्रदर्शन की समीक्षा:
1. Jio Platforms (डिजिटल सेवाएं):
5G सेवा विस्तार, होम ब्रॉडबैंड में वृद्धि और बढ़िया ARPU से राजस्व में सुधार।
सब्सक्राइबर बेस लगातार बढ़ता हुआ।
EBITDA में मजबूत ग्रोथ।
2. Reliance Retail (रिटेल कारोबार):
स्टोर काउंट और कस्टमर रजिस्ट्रेशन में तेज़ उछाल।
मुनाफा और राजस्व दोनों में संतुलित और ठोस ग्रोथ।
डिजिटल और फिजिकल रिटेल का बेहतरीन समावेश।
3. Oil to Chemicals (O2C):
साल-दर-साल राजस्व में गिरावट देखी गई वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल की अस्थिर कीमतों और डिमांड-सप्लाई अंतर का असर।
4. Oil & Gas (E&P):
पिछली तिमाही के मुकाबले राजस्व और EBITDA में गिरावट।उत्पादन स्तर और कीमतों की अस्थिरता जिम्मेदार।
प्रबंधन का बयान:मुकेश अंबानी, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, ने कहा:”रिलायंस आज केवल एक ऊर्जा कंपनी नहीं, बल्कि एक डिजिटल इंडिया की रीढ़ बन चुकी है। Jio और रिटेल हमारे भविष्य का केंद्र हैं, और हम AI, ग्रीन एनर्जी और ग्राहक अनुभव पर निवेश जारी रखेंगे।” निवेशक क्या सीख सकते हैं:डायवर्सिफाइड बिजनेस मॉडल:रिलायंस ने साबित कर दिया कि विभिन्न क्षेत्रों में एकसाथ प्रदर्शन करना संभव है – डिजिटल, रिटेल, एनर्जी।
उच्च नकदी प्रवाह:
मुनाफा और EBITDA में तेजी से ग्रोथ ने कंपनी को नई परियोजनाओं के लिए मजबूत आधार दिया है।
भविष्य की संभावनाएं:
5G, AI और ग्रीन एनर्जी में निवेश के चलते रिलायंस का भविष्य और भी मज़बूत नजर आ रहा है।
निष्कर्ष:
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का Q1 FY26 रिज़ल्ट्स केवल आंकड़ों की कहानी नहीं है, बल्कि यह भारत की बदलती आर्थिक तस्वीर का एक आईना है। डिजिटल इंडिया की लहर, उपभोक्ता बाजार का उभार और ग्रीन एनर्जी की ओर रुझान—इन सभी में रिलायंस ने खुद को केंद्र में रखा है।19 जुलाई 2025 को आए ये नतीजे न सिर्फ निवेशकों को खुश कर गए, बल्कि यह भी बता दिया कि आने वाले वर्षों में रिलायंस सिर्फ भारत ही नहीं, बल्किग्लोबल मार्केट में भी एक बड़ा खिलाड़ी बनने की ओर अग्रसर है।